अब लोकसभा व विधानसभा के चुनाव एक साथ नहीं होंगे। इन अटकलों पर अब विराम लग गया है। हरियाणा भाजपा के एक साथ चुनाव कराने के प्रस्ताव को केंद्रीय भाजपा नेतृत्व ने ठुकरा दिया है। हाईकमान ने साफ कर दिया है कि दोनों चुनाव अलग-अलग होंगे।
बताया जा रहा है कि अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव हो सकते है, जबकि हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर माह तक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में यदि छह माह का अंतर हो तो केंद्रीय चुनाव आयोग को एक साथ चुनाव कराने का अधिकार होता है। इसको लेकर भाजपा के साथ-साथ अन्य दलों ने चुनावों के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। हाल ही में तीन राज्यों में जीत से उत्साहित हरियाणा भाजपा ने लोकसभा के साथ ही हरियाणा विधानसभा के भी चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा था।
10 लोकसभा सीटों को जीतने का भाजपा ने किया दावा
हरियाणा भाजपा 10 लोकसभा सीटों को जीतने की कोशिश में है, इसलिए किसी भी सूरत में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में ढिलाई नहीं छोड़ना चाहती। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस मामले को लेकर प्रदेश के सीएम खट्टर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस संबंध में मुलाकात की थी।
तीनों वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव निर्धारत समय पर ही होंगे। हाईकमान के आदेश मिलने के बाद हरियाणा भाजपा ने दस सीटों के लिए कार्यालय खोल दिए हैं और ताबड़तोड़ तरीके से प्रचार शुरू कर दिया है।