लड़की की दादी कमलेश पत्नी तारा चंद शर्मा ने बताया कि वह बहुत खुश है, क्योंकि मेरे बेटे की ऐसी सोचा जो पोती को घोड़ी पर बैठाकर उसका बनोरा निकाला। उसके बेटे ने पहले ही कह दिया था कि वह अपनी बेटी का बनोरा निकालकर समाज में बेटियों के प्रति फैली बुराइयों को दूर करेगा।
बेटियों के प्रति लोगों की सोच बदलने लगी है। शनिवार रात को हरियाणा के फतेहाबाद शहर के गढ़ी मोहल्ले में लडक़ी की शादी से एक दिन पहले उसका घोड़ी पर बैठाकर बनौरा निकाला। अब तक लडक़े की शादी पर बनौरा निकलता देखा होगा, लेकिन फतेहाबाद में लडक़ी की शादी से एक दिन पहले पिता संजीव शर्मा ने अपनी बेटी स्नेहा को घोड़ी पर बैठाकर शहर में बनौरा निकाला।
इस दौरान लड़की के घरवाले नाचते झूमते हुए नजर आए। स्नेहा की शादी सिरसा के रहने वाले उमेश शर्मा से रविवार को थी। लडक़ी के पिता संजीव शर्मा व उनकी पत्नी रेणु बाला ने बताया कि इस तरह समाज की रुढिय़ों को खत्म किया जा सकता। कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए ऐसा किया। आज के समय बेटियां बेटो से कम नहीं है।
कुछ लोग बेटियों को बोझ समझते है लेकिन ऐसा नही है। बेटियां बोझ नहीं बल्कि उनका भविष्य बनाती है , बेटियां नहीं तो कुछ नहीं। वहीं घोड़ी पर बैठी स्नेहा ने कहा कि हमारे परिवार ने शुरू से ही मुझे लडक़ों की तरह रखा है। किसी तरह की कोई प्रतिबंध नहीं था। लड़कियां भी लडक़ो से पीछे नहीं है। हमारा परिवार सबसे अलग विचारधारा वाला परिवार है।